Malgudi Days stories of every one from everywhere!
Malgudi days is a series made by India Doordarshan back in the 1986. The excellent writing style of the famous writer RK Narain and the hard workf actors and directors of the series make this series of short TV plays unique and un-compareable.
Willing Slave
Willing Slave An Episode of Malgudi Day Play Written by R.K. Naryan & Directed by Shankar Nag
Translated into Urdu Hindi Tamil Sindhiदिल से ग़ुलाम – मालगुडी डेज़
एक महिला की कहानी, जिसने अपनी पूरी ज़िंदगी दूसरों की सेवा में इस तरह बिताई जैसे वो दिल से उनकी ग़ुलाम हो।
मालगुडी के एक छोटे से शहर में एक बुज़ुर्ग महिला रहती थी जिसे सब "आया" कहते थे। उसका असली नाम कोई नहीं जानता था। लोग उसे सिर्फ़ उसकी सेवा के लिए जानते थे।
वो एक अमीर परिवार में कम उम्र में नौकरी पर आई थी — बच्चों की देखभाल करने के लिए। वो वहीं रही, बच्चों के बड़े होने तक, और फिर उनके बच्चों की भी परवरिश की। उसकी अपनी कोई संतान या परिवार नहीं था।
वो कपड़े धोती, खाना बनाती, बच्चों को कहानियाँ सुनाती और सुलाती। उसे बहुत कम वेतन मिलता, लेकिन उसने कभी शिकायत नहीं की। उसे लगता था कि सेवा करना ही उसका धर्म है।
समय बीतता गया। उसकी पीठ झुक गई, बाल सफ़ेद हो गए, शरीर थकने लगा। फिर भी आया चुपचाप काम करती रही — जैसे उसका जीवन सिर्फ़ औरों के लिए बना हो।
एक दिन वो परिवार शहर छोड़कर चला गया। उन्होंने कहा कि आया को भी साथ ले जाएँगे, लेकिन आया जानती थी कि अब उसमें ताक़त नहीं बची है। वो वहीं, अकेली, उसी पुराने घर में रह गई।
वो हर दिन दरवाज़े पर बैठती — जैसे किसी के बुलाने का इंतज़ार हो। जैसे कोई बच्चा कहे, “आया, मुझे कहानी सुनाओ।” लेकिन वो आवाज़ फिर कभी नहीं आई।
एक सुबह, आया चुपचाप इस दुनिया से चली गई। न कोई शोर, न दुख, न शिकायत। जैसे जीती रही — वैसे ही चली गई।
हर माँ ही तो अपने बच्चों की दिल से, सच्ची और तैयार ग़ुलाम होती है।
🌿 कहानी से सीख:
- कुछ लोग सच्चे दिल से सेवा करते हैं — बिना किसी उम्मीद के।
- ऐसे लोगों की क़द्र करनी चाहिए जो हमारे लिए बिना बोले सब कुछ करते हैं।
- सच्ची वफ़ादारी और त्याग दिखावे में नहीं, ख़ामोशी में छिपी होती है।